जयपुर, 5 मई 2025 – BJP Training camp Controversy : राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर से जुबानी जंग तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच तीखे शब्दों का आदान-प्रदान हुआ है, जिससे राज्य की सियासी फिजा गर्मा गई है।

BJP Training camp Controversy : गुजरात में भाजपा का प्रशिक्षण शिविर और गहलोत की आलोचना
BJP Training camp Controversy : भाजपा द्वारा गुजरात के केवड़िया में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत पार्टी के सभी सांसद और विधायक भाग ले रहे हैं। इस शिविर का उद्देश्य जनप्रतिनिधियों को सुशासन, नीति, और संगठनात्मक सोच का प्रशिक्षण देना है। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस शिविर की आलोचना करते हुए इसे “बाड़ेबंदी” करार दिया और कहा कि यह सरकार के अस्थिरता का संकेत है।
BJP Training camp Controversy : भजनलाल शर्मा का पलटवार
अशोक गहलोत की आलोचना का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। वह कह रहे हैं कि हम घूमने आए हैं, जबकि हम यहां राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा लेने और जनसेवा की दिशा में मार्गदर्शन लेने आए हैं।” उन्होंने आगे कहा कि गहलोत को देश के महान नेताओं के विचारों को आत्मसात करना चाहिए था, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति बेहतर होती।
राजेंद्र राठौड़ की टिप्पणी
BJP Training camp Controversy : पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी गहलोत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “गहलोत जी भूल गए कि बाड़ेबंदी तब होती है जब सरकार अल्पमत में हो और डर के साए में विधायकों को होटल में छिपाया जाए। भाजपा का प्रशिक्षण शिविर विचारधारा, सुचिता और सेवा भावना से जुड़ा है, न कि सत्ता बचाने के डर से।”
गहलोत की प्रतिक्रिया
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा द्वारा उनकी सरकार गिराने का षड़यंत्र करने पर विधायकों को एकजुट रखने के लिए कुछ दिन होटल में रहना पड़ा था, जिससे भाजपा का कोई प्रलोभन काम न करे। उन्होंने भाजपा के प्रशिक्षण शिविर को “आलीशान टैंटनुमा रिजॉर्ट” में आयोजित करने पर भी सवाल उठाए।
राजस्थान की राजनीति में यह ताजा जुबानी जंग दिखाती है कि राज्य की सियासत में अभी भी तीव्र प्रतिस्पर्धा और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। भाजपा और कांग्रेस के बीच यह वाकयुद्ध आने वाले समय में और भी तेज हो सकता है, जिससे राज्य की राजनीतिक दिशा प्रभावित हो सकती है।
