राजस्थान सरकार गांवों में गायों की देखरेख और स्वच्छता व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से एक नई योजना “Gaanv Gopal Yojana” (गांव-ग्वाल योजना) शुरू करने जा रही है। इस योजना के माध्यम से पारंपरिक पशुपालन की विधियों को आधुनिक स्वरूप दिया जाएगा, जिससे न केवल आवारा गायों की समस्या कम होगी, बल्कि ग्रामीण वातावरण भी स्वच्छ और सुरक्षित रहेगा।
🔹 परंपरा का आधुनिक रूप
राजस्थान के कई गांवों में पहले ग्वाल सामूहिक रूप से गायों को चराने ले जाते थे। यही परंपरा अब फिर से लौटाई जा रही है, लेकिन इस बार एक संगठित सरकारी योजना के रूप में — Gaanv Gopal Yojana के अंतर्गत हर गांव में ग्वाल नियुक्त किए जाएंगे, जो ग्रामीणों की गायों को दिनभर चारागाहों में चराने ले जाएंगे और शाम को सुरक्षित वापस लाएंगे।
ग्वालों को मिलेगा पारिश्रमिक
इस गांव-ग्वाल योजना में ग्वालों को ग्राम पंचायतों द्वारा पारिश्रमिक प्रदान किया जाएगा। उन्हें स्थायी रूप से नियोजित नहीं किया जाएगा, लेकिन नियमित कार्य के बदले वेतन मिलेगा। पशुपालक अपनी इच्छा से अपनी गायों का पंजीकरण करवाकर ग्वालों की सेवा ले सकते हैं। इससे गांव में गायों की निगरानी आसान होगी और उनका समुचित पोषण भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
🔹 Gaanv Gopal Yojana की शुरुआत कहां से?
Gaanv Gopal Yojana की शुरुआत कोटा जिले के रामगंजमंडी क्षेत्र से की जा सकती है, जो वर्तमान पंचायतीराज मंत्री श्री मदन दिलावर का गृह क्षेत्र भी है। यह वही क्षेत्र है, जहां पहले “बर्तन बैंक” जैसी पर्यावरण हितैषी योजना भी सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है।
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🔹 क्या होंगे गांव-ग्वाल योजना (Gaanv Gopal Yojana) के लाभ?
इस गांव-ग्वाल योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में निम्नलिखित प्रमुख लाभ देखने को मिलेंगे:
- गांवों में सफाई सुधरेगी — गलियों और सड़कों पर फैले गोबर और गंदगी से मुक्ति मिलेगी।
- फसलों की सुरक्षा बढ़ेगी — खेतों में घुसकर गायों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं कम होंगी।
- दुर्घटनाओं में कमी आएगी — सड़कों पर घूमती गायों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम लगेगी।
- प्लास्टिक खाने से होने वाली मौतों में कमी — गायों को चारागाह में चराने से वे कचरे में पड़ी प्लास्टिक नहीं खाएंगी, जिससे उनकी जान बचाई जा सकेगी।
🔹 अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान :
- रात्रि विश्राम के लिए “काऊ हाउस” की स्थापना की जाएगी, जहां बेसहारा गायों को रात के समय रखा जाएगा।
- चारागाह ग्राम समितियों को पुनः सक्रिय किया जाएगा ताकि चारागाहों की रक्षा और रख-रखाव सुनिश्चित हो सके।
- ग्वालों की नियुक्ति में स्थानीय बेरोजगार युवाओं को प्राथमिकता दी जा सकती है, जिससे ग्रामीण रोजगार भी बढ़ेगा।
Gaanv Gopal Yojana सिर्फ एक पशुपालन योजना नहीं है, बल्कि यह गांवों की स्वच्छता, सुरक्षा, और समृद्ध परंपरा को फिर से जीवंत करने की एक दूरदर्शी पहल है। इससे जहां पशुपालकों को सहूलियत मिलेगी, वहीं बेसहारा गायों को भी संरक्षण मिलेगा। यह योजना गांवों में सामाजिक जिम्मेदारी और सामूहिक भागीदारी की मिसाल बन सकती है।
